हो न मायूस ख़ुदा से 'बिस्मिल'
ये बुरे दिन भी गुज़र जाएंगे
- बिस्मिल अज़ीमाबादी
कितने लोगों से मिलना-जुलना था
ख़ुद से मिलना भी अब मुहाल हुआ
- मनीश शुक्ला
ये बुरे दिन भी गुज़र जाएंगे
- बिस्मिल अज़ीमाबादी
कितने लोगों से मिलना-जुलना था
ख़ुद से मिलना भी अब मुहाल हुआ
- मनीश शुक्ला
ज़माने से घबरा के सिमटे थे ख़ुद में
मगर अब तो ख़ुद से भी उकता रहे हैं
- मनीश शुक्ला
ख़ुदा से लोग भी ख़ाइफ़ कभी थे
मगर लोगों से अब ख़ाइफ़ ख़ुदा है
- नरेश कुमार शाद
मगर अब तो ख़ुद से भी उकता रहे हैं
- मनीश शुक्ला
ख़ुदा से लोग भी ख़ाइफ़ कभी थे
मगर लोगों से अब ख़ाइफ़ ख़ुदा है
- नरेश कुमार शाद